उत्तराखंड दर्शन के इस विशेष लेख में आइए जानें हरिद्वार की पवित्रता, प्राकृतिक सौंदर्य, और पर्यावरण-मैत्री पर्यटन की एक प्रेरणादायक यात्रा।
![]() |
Haridwar |
हरिद्वार का परिचय
हरिद्वार (Haridwar), जिसका अर्थ है "हरि का द्वार", उत्तराखंड के सबसे पवित्र और प्राचीन शहरों में से एक है। गंगा नदी के किनारे बसा यह नगर न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण-संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में भी मिसाल बनता जा रहा है।
यह वही स्थान है जहाँ गंगा पहली बार पहाड़ों को छोड़कर मैदानों में प्रवेश करती है। यही कारण है कि यहाँ की गंगा आरती, हर की पौड़ी और धार्मिक स्नान को अत्यंत पवित्र माना जाता है।
हरिद्वार और पर्यावरण संरक्षण
- हर की पौड़ी क्षेत्र अब प्लास्टिक मुक्त जोन बन चुका है।
- कई घाटों पर सोलर लाइट्स का उपयोग किया गया है।
- “स्वच्छ गंगा अभियान” के तहत गंगा की सफाई स्थानीय संगठनों द्वारा की जाती है।
- कई मंदिरों में जैविक प्रसाद वितरण व कंपोस्टिंग की शुरुआत हो चुकी है।
हरिद्वार के 10 प्रमुख दर्शनीय स्थल
- हर की पौड़ी – गंगा आरती और स्नान का मुख्य घाट।
- चंडी देवी मंदिर – पर्वत पर स्थित शक्तिपीठ, रोपवे सुविधा सहित।
- मनसा देवी मंदिर – पर्वत की चोटी पर स्थित आस्था का मंदिर।
- माया देवी मंदिर – हरिद्वार का प्रमुख शक्तिपीठ।
- भारतमाता मंदिर – भारत की विविध संस्कृति को समर्पित अनूठा मंदिर।
- शांति कुंज – आध्यात्मिक व पर्यावरणीय साधना केंद्र।
- पाताल भुवनेश्वर गुफा – रहस्यमयी धार्मिक स्थल।
- भीमगोडा कुंड – पौराणिक कथा से जुड़ा जलकुंड।
- राजाजी नेशनल पार्क – वन्यजीवन और जैव विविधता का केंद्र।
- कनखल और दक्षेश्वर मंदिर – पुराणों में वर्णित प्रमुख स्थान।
![]() |
Har ki Pauri |
गंगा आरती: आत्मा को छू लेने वाला अनुभव
हर की पौड़ी पर प्रतिदिन संध्या समय होने वाली गंगा आरती दिव्यता, भक्ति और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक बन चुकी है।
✅ अब यहाँ पर्यावरण-अनुकूल दीयों का प्रयोग होता है जो गंगा को नुकसान नहीं पहुँचाते।
पर्यावरण के अनुकूल यात्रा सुझाव
- प्लास्टिक उपयोग से बचें – अपने साथ स्टील/ग्लास की बोतल रखें।
- स्थानीय और जैविक भोजन ग्रहण करें।
- गंगा में साबुन या तेल का प्रयोग न करें।
- प्राकृतिक घाटों की हरियाली को नष्ट न करें।
कैसे पहुँचे हरिद्वार?
- रेल मार्ग: भारत के हर प्रमुख शहर से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग: दिल्ली से NH-58 द्वारा आसान यात्रा।
- हवाई मार्ग: निकटतम एयरपोर्ट जौलीग्रांट (देहरादून)।
ठहरने के लिए सुझाव
- गायत्री निवास
- स्वर्ग आश्रम
- होटल गंगा लाहारी (eco-certified)
अन्य संबंधित लेख
निष्कर्ष
हरिद्वार केवल एक धार्मिक नगर नहीं, यह आध्यात्मिकता, प्रकृति और स्वच्छता का संगम है। यहाँ की यात्रा आत्मा को शांति देती है और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाती है।
तो आइए, इस 2025 में हरिद्वार की एक ऐसी यात्रा करें जो यादगार भी हो और जिम्मेदार भी।
उत्तराखंड दर्शन के साथ जुड़ें और जानें उत्तराखंड के हर धार्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थल के बारे में – पर्यावरण की रक्षा के साथ।
![]() |
Shanti kunj |